अगर आप भी दोपहर में करते हैं पूजा, जान लें ये बातें

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अगर आप दोपहर में पूजा करते हैं, तो इससे आपको हानि हो सकती है। दरअसल, दोपहर के 12 से 3 बजे का समय भगवान के शयन और आराम करने का होता है।

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दोपहर में पूजा करते हैं, तो न करें। दरअसल, दोपहर का समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है, जो पितरों का माना जाता है। ऐसे में अगर आप दोपहर में पूजा करते हैं, तो यह पूजा भगवान को नही मिलती है। इसके अलावा इस समय में की गई पूजा भगवान स्वीकार भी नही करते हैं।

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अगर आप भगवान के किए गए पूजा का फल चाहते हैं, तो आप दोपहर में पूजा करने से बचें। दोपहर के समय की गई पूजा से भगवान प्रसन्न नही होते हैं। इसके अलावा उस पूजा का कोई फल भी नही मिलता है।

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कुछ लोगों की मान्यता है कि भगवान की पूजा खाली पेट की जाती है। ऐसे में दोपहर के समय तक लोग भोजन कर लेते हैं। मान्यता है कि भोजन करने के बाद की गई पूजा भगवान को प्राप्त नही होती है।

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पूजा करने का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त का माना जाता है। यह समय सुबह के 4.30 से 5 बजे का होता है। इस समय पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आप पर अपनी कृपा बनाते हैं।

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अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में भगवान की पूजा नही कर पा रहे हैं, तो आप सुबह 9 बजे से दोपहर के 12 के पहले तक कर लें। यह समय अवधि भी पूजा के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

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रात में पूजा करने का समय अगर आप इन दोनों समय में भगवान की पूजा नही कर पा रहे हैं, तो आप शाम में 5 से लेकर रात के 9 बजे के पहले तक पूजा कर सकते हैं। यह समय भी पूजा के लिए अच्छा माना जाता है।

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